Thursday, April 23, 2020

Prarabhyate Na Khalu Vidhna Bhayen


प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचैः
प्रारभ्य विघ्नविहता विरमन्ति मध्याः ।
विघ्नैः पुनः पुनरपि प्रतिहन्यमानाः
प्रारब्धमुत्तमजना न परित्यजन्ति ||
उत्तम मनुष्य किसी कार्य को अधूरा नहीं छोड़ते
નબળા વિચારશીલ લોકો મુશ્કેલીઓના ડરથી કંઇપણ શરૂ કરતા નથી, સામાન્ય લોકો કોઈ કામ શરૂ કરે છે પરંતુ તેનો માર્ગ છોડી દે છે તેટલું જલ્દી અવરોધ આવે છે, પરંતુ મુશ્કેલીઓ દ્વારા વારંવાર અવરોધાયેલી વ્યક્તિ તેમ છતાં જે શરૂ કરી દીધી છે તે છોડતી નથી.
इस संसार में नीच, मध्यम और उत्तम ये तीन प्रकार के मनुष्य होते हैं; जिनमे से नीच प्रकार के मनुष्य तो आने वाली विध्न-बाधाओं के डर मात्र से ही किसी कार्य की शुरुआत नहीं करते; और मध्यम प्रकार के मनुष्य कार्य की शुरुआत तो करते हैं लेकिन छोटी-छोटी परेशानियों के आते ही काम को अधूरा छोड़ देते हैं; परन्तु उत्तम मनुष्य
ऐसे धैर्यवान होते हैं जो बार-बार विपत्तियों के घेर लेने पर भी अपने हाथ में लिए गए काम सम्पूर्ण किये बिना कदापि नहीं छोड़ते।

Bhartuhari Nitishatak ભર્તુહરિ નીતિશતક

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